क्या ईश्वर होता है?
दोस्तों इस दुनिया में! लाखों लोग नास्तिक है! और लाखों लोग आस्तिक है!
जो लोग नास्तिक होते हैं! वह लोग ईश्वर को नहीं मानते! उनका कहना होता है कि ईश्वर नाम की कोई चीज है ही नहीं! (वह कहते हैं कि हमारा ब्रह्मांड साइंस से रिलेटेड है! यहां (god exist) नहीं करता है
(यह तो हो गई नास्तिक लोगों की बात है! अब हम आस्तिक लोगों की बात करते हैं! कि आखिर उनके मन में क्या सवाल है ईश्वर के प्रति है)
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हम बाकी देशों की बात छोड़ देते हैं। क्योंकि दुनिया में ऐसे भी देश है।जो ईश्वर को मानते ही नहीं है! जैसे कि जापान. स्पेन. ऑस्ट्रेलिया. फ्रांस. आदि! यहां के लोगों से पूछा जाए तो वह अपने आप को अधार्मिक बताते हैं।
अगर हम हिंदुस्तान की बात करें!
हिंदुस्तान अपने आप में एक विशाल दुनिया है! इस देश में लगभग 10 धर्म के लोग रहते हैं! जैसे कि हिंदू. मुसलमान .सिख. ईसाई .जैन .बौद्ध .फारसी. आदि
अगर हम भाषाओं की बात करें! तो संविधान के अनुसार हिंदुस्तान में 22 भाषाओं का जिक्र किया गया है! लेकिन 2011 के सर्वे अनुसार हिंदुस्तान में 121 भाषाएं बोली जाती है और समझी जाती है! क्योंकि हिंदी और इंग्लिश भाषा केंद्र सरकार की आधिकारिक भाषा है! इसलिए सरकारी और प्राइवेट प्रोजेक्ट में इंग्लिश और हिंदी भाषा ही चलन में है!
दोस्तों अब बात करते हैं हिंदुस्तान में नास्तिक लोग कितने हैं?
दोस्तों हिंदुस्तान में 40 % लोग अपने आप को नास्तिक मानते हैं जो की कुल जनसंख्या की प्रतिशत होती है0.0027% इसमें में 50 परसेंट महिलाएं आती है !
क्या ईश्वर है?
अगर मैं अपने अनुभव से आपको बताऊं! तो मुझे ऐसा लगता है कि हां ईश्वर है!
क्योंकि मेरे जीवन में ऐसी बहुत सी घटनाएं हुई हैं! जिससे मुझे लगता है! कि हां ईश्वर है!
आप में से बहुत ऐसे लोग हैं! जो ईश्वर में विश्वास रखते हैं! लेकिन उनके मन में कहीं ना कहीं यह भी होता है! कि पता नहीं यार ईश्वर है या नहीं! मतलब यह हुआ कि आप अगर ऐसा सोचते हैं तो! आप ना तो आस्तिक है और ना नास्तिक है! (आप सिर्फ कंफ्यूज है) आप असमंजस की स्थिति में है! क्योंकि आप निर्णय नहीं ले पा रहे हो अपने सबसे बड़े सत्य का!
अगर मैं आपको सही मायने में बताऊं! तो मैं भी यह नहीं कह सकता कि ईश्वर है! क्योंकि मैं आपको ईश्वर का प्रमाण नहीं दे सकता! और मैं ही क्या! दुनिया का कोई बड़े से बड़ा संत भी ईश्वर का प्रमाण नहीं दे सकता! लेकिन अगर हम अपने आप से पूछें! तो मुझे पूरा विश्वास है कि हम सही निर्णय ले सकते हैं!!
लेकिन यह सब कैसे होगा?
दुनिया के जितने भी वैज्ञानिक है! या फिर साइंस से जुड़े लोग हैं! चाहे वह स्टूडेंट हो या शिक्षक हो! यह लोग कभी भी ईश्वर को नहीं मानते हैं! मैं सब की बात नहीं करता हूं लेकिन मुझे पूरा विश्वास है!98% साइंस से जुड़े लोग नहीं मानते!
जब इन लोगों के साथ किसी आस्तिक की बहस होती है! तो यह लोग जीत जाते हैं! क्योंकि इनके पास साइंस का प्रमाण है! लेकिन जो आस्तिक है! उनके पास ईश्वर का प्रमाण नहीं है! लेकिन उन्हें पूरा विश्वास है कि ईश्वर है! नास्तिक लोग साइंस का प्रमाण देते हैं और आस्तिक लोग अपने विश्वास को आधार बनाकर ईश्वर की पुष्टि करने की कोशिश करते हैं! लेकिन 21वीं सदी में विश्वास के आधार पर किसी विषय का होना या ना होना तय नहीं होता!
साइंस से जुड़े लोग वह नास्तिक लोग! धार्मिक घटनाओं को भी साइंस का रूप देने में लगे हुए हैं! जैसे कि मान लीजिए.. जब राम सेतु का निर्माण किया गया था! तब नल और नील नाम के दो वानर महापुरुष थे! उनके हाथों में इतनी शक्ति थी! कि वह किसी भी वस्तु को छू लेते थे! तो वह वस्तु पानी में तैरने लगती थी! और इन्हीं दो नल और नीर नाम के वानर महापुरुषों ने राम सेतु का निर्माण किया था!!!!
लेकिन वैज्ञानिक इस बारे में क्या कहते हैं?
(प्यूमिस स्टोन) नामक पत्थर जो बिल्कुल खुरदरा होता है! और इनमें छोटे-छोटे स्पंज होते हैं! और उन स्पंज में हवा होती है! और इसलिए यह पत्थर पानी में तैरते हैं!
'बड़े दुख की बात है की धार्मिक घटनाक्रम को साइंस का रूप दिया जा रहा है!
ऐसी ही ना जाने कितनी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं होती रहती है !धार्मिक आस्था को साइंस के सामने बोना दिखाने के लिए!
"ईश्वर का कोई रूप नहीं होता है"
हमारे ब्रह्मांड में लाखों आकाशगंगाय है!
जिसमें हमारी आकाशगंगा का नाम है (milky way) मंदाकिनी! हमारी आकाशगंगा में करोड़ों सूर्य हैं! और हर एक सूर्य का अपना एक सौरमंडल है! जैसे कि हमारा एक सूर्य है (हमारा जो सूरज) और हमारे सूरज का एक सौरमंडल है! जिसमें शनि ग्रह है मंगल ग्रह है बुध ग्रह है और हमारी पृथ्वी है! उसी पृथ्वी पर 214 देश है! इनमें से किसी एक देश के छोटे से शहर में बैठा एक मानव बोल रहा है! ईश्वर नहीं है! मैं समझता हूं कि यह तो कदाचित अपने आप से ही अन्याय! क्योंकि अगर आस्तिक के पास ईश्वर के होने का प्रमाण नहीं है) तो नास्तिक के पास ईश्वर के ना होने का प्रमाण नहीं है!
अगर हम अपने आप की तुलना ब्रह्मांड से करें! तो हम इस प्रकार से कर सकते हैं!
रेत का कन÷1000000=रेत के कण का 10 लाख वां भाग
या फिर इससे भी कम!
(वैज्ञानिक बोलते हैं कि दुनिया की शुरुआत बिग बैंग से हुई)
विज्ञानिक सिर्फ यही बोल सकते हैं कि ब्रह्मांड की उत्पत्ति बिग बैंग से हुई! लेकिन वह यह नहीं बता सकते कि बिग बैंग से पहले क्या था! हां कुछ विज्ञानिक अपनी थ्योरी पेश कर सकते हैं! और हम लोगों को मानने पर मजबूर कर देते हैं (यह मानने पर मजबूर हो जाते हैं)
लेकिन सत्य यही है कि ईश्वर है!मैं अपने विश्वास को आधार मानकर यह बात कह सकता हूं! क्योंकि मेरे पास इसका कोई प्रमाण नहीं है! और ना ही आपके पास कोई प्रमाण!
अगर एक गाड़ी को ड्राइवर की जरूरत होती है! तो क्या इस ब्रह्मांड को एक गाइड की जरूरत नहीं होती है! और जो ब्रह्मांड को गाइड करता है वह ईश्वर है! हम तो इस ब्रह्मांड की एक वस्तु है! जिस पर भी ईश्वर का अधिकार है! लेकिन नास्तिक लोग यह कभी नहीं समझ सकते! मैंने अपनी जिंदगी में एक अनुभव किया! कि जो मनुष्य अपने आप को हारा हुआ महसूस करता है! वह इंसान ईश्वर के सहारे अपनी जीत की ओर बढ़ जाता है! क्योंकि उसे विश्वास होता है!
(जिस प्रकार हम धूप में चलते चलते कहीं छांव में रुक जाते हैं! यह सोच कर कि यहां पर आराम करूंगा तो छांव मिलेगी ! कुछ देर आराम करने के बाद और हम आगे बढ़ जाते हैं! तो रास्ता कठिन नहीं लगता और हम अपनी मंजिल पर सकुशल पहुंच जाते हैं! इसी प्रकार ईश्वर जो है वह छांव है! और यह जिंदगी धूप है! जब हम अपनी जिंदगी हार जाते हैं तो ईश्वरूपी छांव में कुछ आराम करने के बाद अपनी धूप रूपी जिंदगी में आगे बढ़ जाते हैं। और जो छांव में विश्वास नहीं करता वह धूप में निरंतर चलता रहता है!
(मुझे लगता है दोस्तों की ईश्वर है! आपको क्या लगता है आप मुझे कमेंट में जरूर बताना)
धन्यवाद
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