स्वस्थ कैसे रहे

स्वस्थ और फिट कैसे रहे.

हर कोई चाहता है कि वह स्वस्थ रहे हष्ट पुष्ट रहे. लेकिन स्वास्थ्य से जुड़े कुछ  पहलू हम से छिपे होते हैं. और यह पहलू हमारे जन्म से लेकर युवावस्था तक यानी 25 साल की उम्र तक बहुत महत्वपूर्ण होता है!
जन्म से 25 वर्ष तक ऐसी अवस्था होती है जैसे  एक अंकुर से पेड़ बनने तक की कहानी! जैसे एक अंकुर  (छोटा पौधा) को  पेड़ बनने में पानी. प्रकाश. वह जलवायु की जरूरत होती है. वैसे ही एक कोमल शरीर को हष्ट पुष्ट बनाने के लिए. सही पोषण व मार्गदर्शन की जरूरत होती है.
 Health


जीवन भर स्वस्थ कैसे रहे.

जन्म से लेकर 6 महीने तक मां का दूध ही बच्चे के लिए सही पोषण होता है. लेकिन कभी-कभी बच्चे को ऊपर का दूध पिलाया जाता है.  जो पोषण के लिए अच्छा नहीं होता.


(आज मैं आपको बताऊंगा कि जन्म से लेकर 25 वर्ष तक अपने बच्चे का स्वास्थ्य कैसे मेंटेन करना है! कैसे अपने बच्चे का मार्गदर्शन करना है!

नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका my experience वेबसाइट पर. तो चलिए आज कुछ नया सीख लेते हैं!


1 .जन्म से लेकर 6 महीने तक बच्चे को मां का दूध ही पिलाएं. यह बच्चे के सर्वांगीण विकास के लिए बहुत जरूरी है. माना जाता है कि पहले 6 महीने मां का दूध ही अमृत है बच्चे के लिए. अगर किसी मजबूरी के तहत बच्चे को   ऊपर का दूध पिलाना पड़े. तो भी डॉक्टर का परामर्श शुरू लेना चाहिए.

2.  7 महीने बाद आप बच्चे को ऊपर का दूध पिला सकते हैं. दूध  बकरी का हो तो बहुत अच्छा रहता है. अन्यथा आप गाय का दूध पिलाएं. ध्यान रहे"दूध पिलाने वाली बोतल प्लास्टिक की नहीं होनी चाहिए. और अगर प्लास्टिक की बोतल है. तो उसमें गर्म दूध में नहीं डालना है. दूध ठंडा होने पर ही बोतल में डालें. क्योंकि प्लास्टिक में कैंसर कारक तत्व होते हैं. और वह गर्म होने पर दूध के साथ मिल जाते हैं. जिससे कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है. इस बात का आपको विशेष ध्यान रखना.

3.बच्चा आठ 10 महीने का होने पर कुछ खाना भी चाहता है जो स्वभाविक है. लेकिन खिलाना क्या है? यह बहुत इंपॉर्टेंट है. मैं आपको सलाह दूंगा कि बच्चे को कुछ ऐसा खिलाएं. जो जल्दी पच जाएं! यानी उसके लीवर को ज्यादा काम ना करना पड़े. जैसे कि"दाल. चावल. गेहूं. बाजरा. इन सब का दलिया बना कर. बच्चे को खिलाएं. ताकि पोषण भी मिले और लीवर को काम भी कम करना पड़े 

4. बच्चे को चाय की लत ना पड़ने दे. क्योंकि चाय से बच्चे के शारीरिक विकास पर असर पड़ता है. हो सके तो 5 साल तक बच्चे को तीखे मसाले ना खिलाए. दूध अवश्य पिलाएं क्योंकि दूध शारीरिक ग्रोथ के लिए महत्वपूर्ण है. अगर बच्चा दूध नहीं पीता है . तो दूध में चॉकलेट वगैरह डाल कर आदत डाल देनी है. अगर बच्चा समझदार है. तो उसे समझाना चाहिए जैसे कि"किसी पावरफुल करैक्टर को दिखाकर. जैसे कि आपका बचाकर कार्टून देखता है. या फिर सुपरमैन स्पाइडर-मैन मूवी देखता है. तो उनमें से आपको पावरफुल करैक्टर चुनना है. और अपने बच्चे को बताना है अगर तुम दूध पियोगे. तो बिल्कुल इस तरह से बन जाओगे. मुझे विश्वास है कि यह ट्रिक आपके  जरूर  काम  आएगी!

5. 5 से 10 साल की उम्र के बीच जितना पढ़ाई लिखाई मैं ध्यान देना है उतना ही खेलकूद में भी ध्यान देना है. और यह ध्यान आपको रखना पड़ेगा . क्योंकि आजकल बच्चे होमवर्क को ड्यूटी समझता है. और मोबाइल टीवी को अपनी जिंदगी से जुड़ा अहम हिस्सा. हो सके तो अपने बच्चे को मोबाइल से दूर रखें. क्योंकि मोबाइल से खतरनाक रेडिएशन किरणें निकलती है. जो सीधे आपके बच्चे के दिमाग पर अटैक करती है. जिससे आपके बच्चे का मानसिक संतुलन बिगड़ सकता है. और इसका शारीरिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है. लेकिन आजकल तो मां-बाप ही मोबाइल पर इतने बिजी रहते हैं. कि बच्चे की परवरिश तक भूल जाते हैं. तो मेरे अनुभव में बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण. आपको अपनी दिनचर्या बदलनी होगी.

6. 10 से 18 वर्ष की आयु. यह किशोर अवस्था होती है. जिसमें शरीर का विकास तेजी से होता है. और साथ में सामाजिक व मनोवैज्ञानिक परिवर्तन भी आने लगते हैं. जिसमें योन अवस्था व चिंतन शामिल है. यह बाल्यावस्था व युवा अवस्था के बीच का समय होता है. इसमें बच्चा निर्णय नहीं ले पाता है कि वह युवा है या बच्चा है. और इसी उलझन में बच्चा चिड़चिड़ा भी हो जाता है. इस अवस्था में बच्चे को सेक्स एजुकेशन के बारे में जानकारी होनी चाहिए. क्योंकि बच्चा अगर वीर्य खंडित करता है. तो उसका शारीरिक विकास निश्चित ही रुक जाएगा. इसलिए आप की जिम्मेवारी है. कि आप  किसी भी मार्ग से. सेक्स एजुकेशन प्रोवाइड करवाएं!बच्चे पर पैनी नजर रखें और गलत आदतों से बचाएं.

7. अगर जन्म से 18 साल तक आपने अपने बच्चे को सही तरीके से संभाल लिया. तो फिर 18 से 25 आप उसे दे दीजिए. क्योंकि आपको अपने बच्चे पर पूर्ण विश्वास हो गया है. जो कि आप की परवरिश पर निर्भर करता है. अगर आपने सही से किया तो. आपको विश्वास होगा कि आपका बच्चा मानसिक रूप से वह शारीरिक रूप से बिल्कुल स्वस्थ है. इसलिए आप उस पर कोई निर्णय ना  थोपे. क्योंकि वह अपने कैरियर का चुनाव खुद करेगा. जो उसे पसंद है. और निश्चित ही सफलता प्राप्त करेगा.

यह थे जिंदगी से जुड़े 8 स्वर्ण सूत्र जो सबको ध्यान रखना चाहिए!.

हमेशा स्वस्थ कैसे रहें.

जैसे-जैसे सुविधा व टेक्नोलॉजी का प्रभाव हमारी जिंदगी पर पड़ रहा है. वैसे वैसे हमारी दिनचर्या में भी बदलाव आ रहे हैं. मान लीजिए आज से 40 वर्ष पहले हर घर में टीवी नहीं था. तो मनोरंजन के लिए लोग कबड्डी व  कुश्ती किया करते थे. जो कि हर घर में टीवी आने के बाद समाप्त हो गया. और धीरे-धीरे टेक्नोलॉजी का प्रभाव ऐसा पड़ा कि हम अपने आप में ही सिमट कर रह गए. उसके बाद आया एंड्राइड फोन. अब तो दिनचर्या भी इसी को ध्यान में रखकर बनाई जाती है. हर मोबाइल ऐप को एक टाइम दे दिया गया है. 😀😀😀😀😀
 अगर हमें स्वस्थ रहना है. तो दिनचर्या में बदलाव करना होगा. यह आवश्यक है.

हमेशा स्वस्थ रहने के 10 तरीके.

1 सुबह 5:00 बजे उठे. उठते ही मोबाइल चेक ना करें
2 उठते ही एक गिलास गर्म पानी जरूर पिएं.
3 बाथरूम जाने से पहले कुछ भी ना खाएं
4 सुबह व शाम को दांत साफ जरूर करें.
5 सोने का टाइम फिक्स करें! नियमानुसार 10:00 बजे सोए. लेकिन 11:00 के बाद आपको जगना नहीं चाहिए.
6 सुबह-सुबह 2 किलोमीटर से लेकर 4 किलोमीटर तक दौड़ना चाहिए!
7 आपको जो भी योग आता है वह जरूर करना चाहिए.
8 नाश्ता हल्का करें व जूस जरूर पीये.
9 दोपहर के खाने में दही या लस्सी को जरूर शामिल करें.
10 सभी प्रकार के नशे से दूर रहें.

बुढ़ापे में स्वस्थ कैसे रहें.

बुढ़ापे में इंसान का इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर हो जाता है. (रोग प्रतिरोधक क्षमता)
जब कोई बुजुर्ग इंसान बीमार पड़ जाता है. तो उसे ठीक होने में काफी समय लग जाता है. इसकी वजह है रोग प्रतिरोधक क्षमता का कम होना
"एक बुजुर्ग इंसान को सबसे पहला काम यह करना चाहिए....... कि वह अपनी इम्यूनिटी  सिस्टम को मेंटेन रखें. कोशिश करें की रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी ना आए शरीर में.

"आपके मन में सवाल आया होगा कि यह सब कैसे होगा तो चलिए मैं समझाता हूं आपको!!!!!













1अगर आप उम्र के दूसरे पड़ाव को पार कर चुके हैं यानी 50 साल के या उससे ज्यादा हो गए हैं! अभी तक आपने योग को नहीं अपनाया है. तो योग को जिंदगी में शामिल कर लीजिए. क्योंकि यह बुढ़ापे की वो ढाल है. जो कई बीमारी रूपी शत्रुओं से आपकी सहायता करेगी.
2 अपनी डाइट का ख्याल रखें. आपके खाने पीने का समय सही होना चाहिए. ताकि आपके शरीर को सही एनर्जी मिलते रहे. आपका भोजन संतुलित मात्रा में ही करना चाहिए. क्योंकि आप अगर एक बार में ही पेट भर कर खा लोगे. तो पचने में दिक्कत होगी. तो हल्का भोजन खाए और दिन में तीन या चार बार खाएं.
3 सुबह का नाश्ता 8:00 से 9:00 के बीच करें. नाश्ते में आप दूध दलिया खिचड़ी. और जूस ले सकते हैं. ज्यादा टफ नाश्ता नहीं लेना चाहिए आपको.
4 दोपहर का खाना 12:00 से 1:00 खाना चाहिए. खाने में रोटी और सब्जी के अलावा. सलाद को भी जगह देनी चाहिए. हरी सब्जी उबली हुई खानी चाहिए. सलाद में टमाटर गाजर मूली ककड़ी व चुकंदर. खाना चाहिए. दिन में एक बार आपको दही अवश्य लेनी चाहिए.
5 शाम का खाना आपको 7:00 या 8:00 बजे खा लेना चाहिए. खाने में पतली दाल और रोटी. उबली हुई सब्जी भी आप खा सकते हैं.

बुढ़ापे में स्वस्थ रहने के लिए पांच शानदार तरीके मैंने आपको बता दिया अगर आप उनको फॉलो करेंगे तो निश्चित ही आप स्वस्थ रहेंगे.

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